क्यों Kisan Diwas 23 December को मनाया जाता है? जानिए इसके पीछे की कहानी

Kisan Diwas प्रस्तावना (Introduction of National Farmers Day):

भारत, जो गांवों और किसानों की भूमि है, उसमें किसानों का महत्वपूर्ण स्थान है। 23 दिसंबर को भारत में किसान दिवस के रूप में मनाने का परंपरागत आदान-प्रदान है। इस दिन किसानों को उनके संघर्षों और समृद्धि के लिए सम्मानित किया जाता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि इस दिन के पीछे की कहानी क्या है और भारतीय समाज में किसानों का सम्मान क्यों महत्वपूर्ण है।

Kisan Diwas का महत्व (Importance of Kisan Diwas):

  1. कृषि का योगदान: भारतीय समृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा किसानों की कृषि है। वे अन्न, फसलें और अन्य कृषि उत्पादों की उत्पत्ति में अपना संपूर्ण योगदान देते हैं। किसान दिवस भारतीय समाज में उनके योगदान की महत्वपूर्णता को साकार करता है और उन्हें सम्मानित करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।
  2. किसानों के संघर्ष: किसानों का जीवन संघर्षशील होता है, और वे अक्सर अन्याय का सामना करते हैं। उन्हें आधुनिक तकनीकों की कमी, अच्छे बीजों और उर्वरकों की अधिक मांग, और अन्य कई समस्याएं प्रतिगामी करनी पड़ती हैं। किसान दिवस उनके इस संघर्ष को मानता है और समाज को उनकी मदद करने के लिए उत्साहित करता है।
  3. कृषि संबंधित जागरूकता: Kisan Diwas का आयोजन भारत में कृषि से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। इस दिन सभी लोगों को कृषि से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे समाज में जागरूकता बढ़ती है।

Kisan Diwas की कहानी (Story of Kisan Diwas):

23 दिसंबर को किसान दिवस क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी छुपी है। इस दिन का महत्व भारत के किसानों के एक महत्वपूर्ण आंदोलन से जुड़ा हुआ है।

  1. चार नवंबर 2022: चार नवंबर 2022 को दिल्ली के बाहर के बॉर्डर्स पर किसानों ने अपने मुद्दों को लेकर एक बड़ा आंदोलन किया। उनकी मुख्य मांगें थीं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कृषि सुधारों को वापस लेना, और उनके कर्जों का मुक्ति।
  2. संघर्ष का दौर: किसानों का आंदोलन ने संघर्ष का एक नया दौर शुरू किया। उन्होंने अपनी मांगों के लिए दिल्ली के बॉर्डर्स पर तिन महीने से ज्यादा समय तक ठहराव किया। इस अवधि में, उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष किया और अपनी मुख्य मांगों के लिए ब्रह्मास्त्र की तरह इस आंदोलन को बनाए रखा।
  3. 23 दिसंबर: Kisan Diwas का आयोजन: संघर्ष के बाद, सरकार ने किसानों के साथ बातचीत करने का आदान-प्रदान किया और उनकी कुछ मांगों पर सहमति दी। इस समझौते के बाद, 23 दिसंबर को किसान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को सम्मानित किया गया और उनके संघर्ष को मान्यता मिली।
  4. Kisan Diwas का सफलता सेज: किसान दिवस का आयोजन से यह सिद्ध हुआ कि समृद्धि के मामले में किसानों को सही समर्थन मिलना चाहिए और उनके योगदान को समाज में समझा जाना चाहिए। इस दिन के माध्यम से समाज में जागरूकता बढ़ी और किसानों को उनके मुद्दों के लिए समर्थन प्रदान किया गया।

समाप्ति (Conclusion):

किसान दिवस भारतीय समाज में किसानों के योगदान को समझने और मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन के माध्यम से हमें यह याद दिलाया जाता है कि हमारी समृद्धि और अन्न सुरक्षित रहने के लिए हमें किसानों की मेहनत और संघर्ष का समर्थन करना आवश्यक है। किसान दिवस भारतीय समृद्धि के साथ ही किसानों के उत्थान की कहानी को भी साझा करता है और हमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण में कृषि के प्रति अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता है।

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